गालवः शाबरो लोध्रस्तिरीटस्तिल्वमार्जनौ । आम्रचूतो रसालोऽसौ सहकारोऽतिसौरभः ॥ ३३ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | गालव | गालवः | पुंलिङ्गः | तत्पुरुषः | समासः | अकारान्तः | |
2 | शावर | शावरः | पुंलिङ्गः | अण् | तद्धितः | अकारान्तः | |
3 | रोध्रः | रोध्रः | पुंलिङ्गः | रन् | बाहुलकात् | ||
4 | तिरीट | तिरीटः | पुंलिङ्गः | कीटन् | उणादिः | अकारान्तः | |
5 | तिल्व | तिल्वः | पुंलिङ्गः | वन् | उणादिः | अकारान्तः | |
6 | मार्जन | मार्जनः | पुंलिङ्गः | ल्युट् | कृत् | अकारान्तः | |
7 | आम्र | आम्रः | पुंलिङ्गः | क् | उणादिः | अकारान्तः | |
8 | चूत | चूतः | पुंलिङ्गः | क्त | कृत् | अकारान्तः | |
9 | रसाल | रसालः | पुंलिङ्गः | तत्पुरुषः | समासः | अकारान्तः | |
10 | सहकार | सहकारः | पुंलिङ्गः | अकारान्तः |