आरोहणं स्यात्सोपानं निश्रेणिस्त्वधिरोहिणी । सम्मार्जनी शोधनी स्यात्सङ्करोऽवकरस्तया ॥ १८ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | आरोहण | आरोहणम् | नपुंसकलिङ्गः | आरुह्यतेऽनेन । | ल्युट् | कृत् | अकारान्तः |
2 | सोपान | सोपानम् | नपुंसकलिङ्गः | अकारान्तः | |||
3 | निश्रेणी | निश्रेणिः | स्त्रीलिङ्गः | नियता श्रेणि: पंक्तिरत्र ॥ | ईकारान्तः | ||
4 | अधिरोहिणी | अधिरोहिणी | स्त्रीलिङ्गः | अधिरुह्यतेऽनया । | ल्युट् | कृत् | ईकारान्तः |
5 | संमार्जनी | संमार्जनी | स्त्रीलिङ्गः | संमृज्यतेऽनया । | ल्युट् | कृत् | ईकारान्तः |
6 | शोधनी | शोधनी | स्त्रीलिङ्गः | शोध्यतेऽनया । | ल्युट् | कृत् | ईकारान्तः |
7 | संकर | संकरः | पुंलिङ्गः | संकीर्यते । | अप् | कृत् | अकारान्तः |
8 | अवकर | अवकरः | पुंलिङ्गः | अवकीर्यते । | अप् | कृत् | अकारान्तः |