अर्याणी स्वयमर्या स्यात् क्षत्रिया क्षत्रियाण्यपि । उपाध्यायाप्युपाध्यायी स्यादाचार्यापि च स्वतः ॥ १४ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | अर्याणी | अर्याणी | स्त्रीलिङ्गः | ङीष् | स्त्रीप्रत्ययः | ईकारान्तः | |
2 | अर्या | अर्या | स्त्रीलिङ्गः | टाप् | स्त्रीप्रत्ययः | आकारान्तः | |
3 | क्षत्रिया | क्षत्रिया | स्त्रीलिङ्गः | टाप् | स्त्रीप्रत्ययः | आकारान्तः | |
4 | क्षत्रियाणी | क्षत्रियाणी | स्त्रीलिङ्गः | ङीष् | स्त्रीप्रत्ययः | ईकारान्तः | |
5 | उपाध्याया | उपाध्याया | स्त्रीलिङ्गः | उपेत्याधीयतेऽस्याः । | घञ् | कृत् | आकारान्तः |
6 | उपाध्यायी | उपाध्यायी | स्त्रीलिङ्गः | उपेत्याधीयतेऽस्याः । | ङीष् | स्त्रीप्रत्ययः | ईकारान्तः |
7 | आचार्या | आचार्या | स्त्रीलिङ्गः | आ चर्यते । | ण्यत् | कृत् | आकारान्तः |