ततं वीणादिकं वाद्यमानद्धं मुरजादिकम् । वंशादिकं तु शुषिरं कांस्यतालादिकं घनम् ॥ ४ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | तत | ततम् | नपुंसकलिङ्गः | तन् | उणादिः | अकारान्तः | |
2 | आनध्द | आनद्धम् | नपुंसकलिङ्गः | आनह्यते स्म मुखे चर्मणा बध्यते स्म । | क्तः | कृत् | अकारान्तः |
3 | शुषिर | शुषिरम् | नपुंसकलिङ्गः | वंशो वेणुः । | रः | अकारान्तः | |
4 | घन | घनम् | नपुंसकलिङ्गः | कांस्यतालादिकं घनम् | अप् | कृत् | अकारान्तः |