श्रीपर्णी भद्रपर्णी च काश्मर्यश्चाप्यथ द्वयोः । कर्कन्धर्बदरी कोली कोलं कुवलफेनिले ॥ ३६ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | श्रीपर्णी | श्रीपर्णी | स्त्रीलिङ्गः | बहुव्रीहिः | समासः | ईकारान्तः | |
2 | भद्रपर्णी | भद्रपर्णी | स्त्रीलिङ्गः | बहुव्रीहिः | समासः | ईकारान्तः | |
3 | काश्मर्य | काश्मर्यः | पुंलिङ्गः | यप् | तद्धितः | अकारान्तः | |
4 | कर्कन्धू | कर्कन्धूः | पुंलिङ्गः, स्त्रीलिङ्गः | तत्पुरुषः | समासः | ऊकारान्तः | |
5 | बदरी | बदरी | स्त्रीलिङ्गः | अर | उणादिः | ईकारान्तः | |
6 | कोली | कोली | स्त्रीलिङ्गः | अच् | कृत् | ईकारान्तः | |
7 | कोल | कोलम् | नपुंसकलिङ्गः | अण् | तद्धितः | अकारान्तः | |
8 | कुवल | कुवलम् | नपुंसकलिङ्गः | तत्पुरुषः | समासः | अकारान्तः | |
9 | फेनिल | फेनिलम् | नपुंसकलिङ्गः | इलच् | तद्धितः | अकारान्तः |