झटाऽमलाऽज्झटा ताली शिवा तामलकीति च । प्रपौण्डरीकं पौण्डर्यमथ तुन्नः कुबेरकः ॥ १२७ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | झटा | झटा | स्त्रीलिङ्गः | घञ् | कृत् | आकारान्तः | |
2 | आमला | अमला | स्त्रीलिङ्गः | न मलो यस्याः ॥ | बहुव्रीहिः | समासः | आकारान्तः |
3 | अज्झटा | अज्झटा | स्त्रीलिङ्गः | अदव्ययमाश्चये । अत आश्चर्यश्च झट: संघातोऽस्याम् । | तत्पुरुषः | समासः | आकारान्तः |
4 | ताली | ताली | स्त्रीलिङ्गः | तालयति । | अच् | कृत् | ईकारान्तः |
5 | शिवा | शिवा | स्त्रीलिङ्गः | शिवमस्त्यस्याम् । | अच् | तद्धितः | आकारान्तः |
6 | तामलकी | तामलकी | स्त्रीलिङ्गः | तनुश्वासावामलकी च । | तत्पुरुषः | समासः | ईकारान्तः |
7 | प्रपौण्डरीक | प्रपौण्डरीकम् | नपुंसकलिङ्गः | पुण्डरीकेण सदृशम् । | अण् | तद्धितः | अकारान्तः |
8 | पुण्डर्य | पुण्डर्यम् | नपुंसकलिङ्गः | पुण्डयति । | अच् | कृत् | अकारान्तः |
9 | तुन्न | तुन्नः | पुंलिङ्गः | तुद्यते स्म । | क्त | कृत् | अकारान्तः |
10 | कुबेरक | कुबेरकः | पुंलिङ्गः | कुत्सितं वेरमस्य । | तत्पुरुषः | समासः | अकारान्तः |