सम्प्रहाराभिसंपातकलिसंस्फोटसंयुगाः । अभ्यामर्दसमाघातसंग्रामाभ्यागमाहवाः ॥ १०५ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | संप्रहार | संप्रहारः | पुंलिङ्गः | सम्प्रहरणम् । | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
2 | अभिसंपात | अभिसंपातः | पुंलिङ्गः | अभिसम्पतनम् । | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
3 | कलि | कलिः | पुंलिङ्गः | कलनम् । | इन् | उणादिः | इकारान्तः |
4 | संस्फोट | संस्फोटः | पुंलिङ्गः | संस्फोटनम् | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
5 | संयुग | संयुगः | पुंलिङ्गः | संयोजनम् । | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
6 | अभ्यामर्द | अभ्यामर्दः | पुंलिङ्गः | अभ्यामर्दनम् । | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
7 | समाघात | समाघातः | पुंलिङ्गः | समाहननम् । | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
8 | संग्राम | संग्रामः | पुंलिङ्गः | संग्रामणम् । | अच् | कृत् | अकारान्तः |
9 | अभ्यागम | अभ्यागमः | पुंलिङ्गः | अभ्यागमनम् । | अप् | कृत् | अकारान्तः |
10 | आहव | आहवः | पुंलिङ्गः | आह्वानम् । | अप् | कृत् | अकारान्तः |