कर्करेटुः करेटुः स्यात् कृकणक्रकरौ समौ । वनप्रियः परभृतः कोकिल: पिक इत्यपि ॥ १९ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | कर्करेटु | कर्करेटुः | पुंलिङ्गः, स्त्रीलिङ्गः | ‘कर्क' इति रेटति । | कु | उणादिः | उकारान्तः |
2 | करेटु | करेटुः | पुंलिङ्गः | के वायौ जले वा रेटति । | कु | उणादिः | उकारान्तः |
3 | कृकण | कृकणः | पुंलिङ्गः | 'कृ' इति कणति । | अच् | कृत् | अकारान्तः |
4 | क्रकर | क्रकरः | पुंलिङ्गः | ‘क्र' इति शब्दकरणशीलः । | ट | कृत् | अकारान्तः |
5 | वनप्रिय | वनप्रियः | पुंलिङ्गः | वनं प्रियमस्य ॥ | बहुव्रीहिः | समासः | अकारान्तः |
6 | परभृत | परभृतः | पुंलिङ्गः | परेण काकेन भृतः ॥ | तत्पुरुषः | समासः | अकारान्तः |
7 | कोकिल | कोकिलः | पुंलिङ्गः | कोकते । | इलच् | उणादिः | अकारान्तः |
8 | पिक | पिकः | पुंलिङ्गः | क | कृत् | अकारान्तः |