शोणो हिरण्यवाहः स्यात्कुल्याल्पा कृत्रिमा सरित् । शरावती वेत्रवती चान्द्रभागी सरस्वती ॥ ३४ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | शोण | शोणः | पुंलिङ्गः | शोणति । | अच् | कृत् | अकारान्तः |
2 | हिरण्यवाह | हिरण्यवाहः | पुंलिङ्गः | हिरण्यं वाहावस्य ॥ | अण् | कृत् | अकारान्तः |
3 | कुल्या | कुल्या | स्त्रीलिङ्गः | कुले प्राणिगणे कुटुम्बे दाम्पत्ये वा साधुः । | यत् | तद्धितः | आकारान्तः |
4 | शरावती | शरावती | स्त्रीलिङ्गः | शराः सन्त्यस्याम् । | मतुप् | तद्धितः | ईकारान्तः |
5 | वेत्रवती | वेत्रवती | स्त्रीलिङ्गः | वेत्रमस्त्यस्याम् । | मतुप् | तद्धितः | ईकारान्तः |
6 | चन्द्रभागा | चन्द्रभागा | स्त्रीलिङ्गः | चन्द्रभागयोः पर्वतयोरियम् । | अण् | तद्धितः | आकारान्तः |
7 | सरस्वती | सरस्वती | स्त्रीलिङ्गः | सरांसि सन्त्यस्याम् । | मतुप् | तद्धितः | ईकारान्तः |