स्वपत + ङि + ढञ् |
- पथ्यतिथिवसतिस्वपतेर्ढञ् 4.4.104 |
स्वपत + ढञ् |
- सुपो धातुप्रातिपदिकयोः 2.4.71 |
स्वपत + ढ |
- हलन्त्यम् 1.3.3, तस्य लोपः 1.3.9 |
स्वपत + एय् + अ |
- आयनेयीनीयियः फढखच्छघां प्रत्ययादीनाम् 7.1.2 |
स्वपत् + एय |
- यस्येति च 6.4.148 |
स्वापतेयम् |
- तद्धितेष्वचामादेः 7.2.117 |
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रिक्थम् |
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