विशालस्य भावः तल् (५.१.११९) ॥
धातुः -
| विशाल + ङस् + तल् | - तस्य भावस्त्वतलौ 5.1.119 |
| विशाल + तल् | - सुपो धातुप्रातिपदिकयोः 2.4.71 |
| विशालत | - हलन्त्यम् 1.3.3, तस्य लोपः 1.3.9 |
| विशालत + टाप् | - अजाद्यतष्टाप् 4.1.4 |
| विशालत + आ | - हलन्त्यम् 1.3.3, चुटू 1.3.7, तस्य लोपः 1.3.9 |
| विशालता | - अकः सवर्णे दीर्घः 6.1.101 |
| विशालता + सु | - स्वौजसमौट्छष्टाभ्याम्भिस्ङेभ्याम्भ्यस्ङसिभ्याम्भ्यस्ङसोसाम्ङ्योस्सुप् 4.1.2 |
| विशालता + स् | - उपदेशेऽजनुनासिक इत् 1.3.2, तस्य लोपः 1.3.9 |
| विशालता | - हल्ङ्याब्भ्यो दीर्घात् सुतिस्यपृक्तं हल् 6.1.68 |