शुद्धान्तश्चावरोधश्च स्यादट्टः क्षौममस्त्रियाम् । प्रघाणप्रघणालिन्दा बहिर्द्वारप्रकोष्ठके ॥ १२ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | शुद्धान्त | शुद्धान्तः | पुंलिङ्गः | शुद्धा उपधाशुद्धा रक्षका अन्ते समीपेऽस्य ॥ | बहुव्रीहिः | समासः | अकारान्तः |
2 | अवरोध | अवरोधः | पुंलिङ्गः | घञ् | कृत् | अकारान्तः | |
3 | अट्ट | अट्टः | पुंलिङ्गः | अट्यते । | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
4 | क्षोम | क्षोमः | पुंलिङ्गः, नपुंसकलिङ्गः | क्षुवन्त्यत्र । | म | उणादिः | अकारान्तः |
5 | प्रघाण | प्रघाणः | पुंलिङ्गः | प्रहण्यते । | अकारान्तः | ||
6 | प्रघण | प्रघणः | पुंलिङ्गः | अकारान्तः | |||
7 | अलिन्द | अलिन्दः | पुंलिङ्गः | अल्यते भूष्यते । | इन्दच् | बाहुलकात् | अकारान्तः |