प्रवासनं परासनं निषूदनं निहिंसनम् । । निर्वासनं संज्ञपनं निग्रन्थनमपासनम् ॥ ११३ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | प्रवासन | प्रवासनम् | नपुंसकलिङ्गः | ल्युट् | कृत् | अकारान्तः | |
2 | परासन | परासनम् | नपुंसकलिङ्गः | ल्युट् | कृत् | अकारान्तः | |
3 | निषूदन | निषूदनम् | नपुंसकलिङ्गः | ल्युट् | कृत् | अकारान्तः | |
4 | निहिंसन | निहिंसनम् | नपुंसकलिङ्गः | ल्युट् | कृत् | अकारान्तः | |
5 | निर्वासन | निर्वासनम् | नपुंसकलिङ्गः | ल्युट् | कृत् | अकारान्तः | |
6 | संज्ञपन | संज्ञपनम् | नपुंसकलिङ्गः | ल्युट् | कृत् | अकारान्तः | |
7 | निर्ग्रन्थन | निर्ग्रन्थनम् | नपुंसकलिङ्गः | ल्युट् | कृत् | अकारान्तः | |
8 | अपासन | अपासनम् | नपुंसकलिङ्गः | ल्युट् | कृत् | अकारान्तः |