हस्तौ तु पाणिनक्षत्रे मरुतौ पवनामरौ । यन्ता हस्तिपके सूते भर्ता धातरि पोष्टरि ॥ ५९ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | हस्त | हस्तः | पुंलिङ्गः | हसति | तन् | उणादिः | अकारान्तः |
2 | मरुत् | मरुत् | पुंलिङ्गः | म्रियतेऽनेन | उति | उणादिः | तकारान्तः |
3 | यन्त | यन्तः | पुंलिङ्गः | यच्छति | तृच् | कृत् | अकारान्तः |
4 | भर्तृ | भर्तृः | पुंलिङ्गः | बिभर्ति | तृच् | कृत् | ऋकारान्तः |