प्राण्युत्पादे संसरणमसंबाधचमूगतौ । घण्टापथेऽथ वान्तान्ने समुद्धरणमुन्नये ॥ ५५ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
---|---|---|---|---|---|---|---|
1 | संसरण | संसरणम् | नपुंसकलिङ्गः | सम्यक्सरन्त्यनेन | ल्युट् | कृत् | अकारान्तः |
2 | समुद्धरण | समुद्धरणम् | नपुंसकलिङ्गः | सम्यग् उद्ध्रियते | ल्युट् | कृत् | अकारान्तः |