पुंस्यात्मनि प्रवीणे च क्षेत्रज्ञो वाच्यलिङ्गकः । संज्ञा स्याच्चेतना नाम हस्ताद्यैश्चार्थसूचना ॥ ३३ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | क्षेत्रज्ञ | क्षेत्रज्ञः | पुंलिङ्गः | क्षेत्रं जानाति | क | कृत् | अकारान्तः |
2 | संज्ञा | संज्ञा | स्त्रीलिङ्गः | संज्ञानम् | अङ् | कृत् | आकारान्तः |