परिघः परिघातेऽस्त्रेऽप्योघो वृन्देऽम्भसांरये । मूल्ये पूजाविधावर्घ अंहोदुःखव्यसनेष्वघम् ॥ २७ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | परिघ | परिघः | पुंलिङ्गः | परिहननम् | अप् | कृत् | अकारान्तः |
2 | ओघ | ओघः | पुंलिङ्गः | वहति | अच् | कृत् | अकारान्तः |
3 | अर्घ | अर्घः | पुंलिङ्गः | अर्ह्यतेऽनेन | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
4 | अघ | अघम् | नपुंसकलिङ्गः | अघ्यतेऽनेन | घञ् | कृत् | अकारान्तः |