महेन्द्रगुग्गुलूलूकव्यालग्राहिषु कौशिकः । रुक्तापशङ्कास्वातङ्कः स्वल्पेऽपि क्षुल्लकस्त्रिषु ॥ १० ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | कौशिक | कौशिकः | पुंलिङ्गः | कुशिकस्यापत्यम् | अण् | तद्धितः | अकारान्तः |
2 | आतङ्क | आतङ्कः | पुंलिङ्गः | आतङ्कनम् | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
3 | क्षुल्लक | क्षुल्लकः | पुंलिङ्गः, स्त्रीलिङ्गः, नपुंसकलिङ्गः | क्षोदनम् | क्विप् | कृत् | अकारान्तः |