दीनारेऽपि च निष्कोऽस्त्री कल्कोऽस्त्री समलैनसोः । दम्येऽप्यथ पिनाकोऽस्त्री शूलशंकरधन्वनो: ॥ १४ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | निष्क | निष्कः | पुंलिङ्गः, नपुंसकलिङ्गः | निश्चयेनकायति | क | कृत् | अकारान्तः |
2 | कल्क | कल्कः | पुंलिङ्गः, नपुंसकलिङ्गः | कल्यते | क | कृत् | अकारान्तः |
3 | पिनाक | पिनाकः | पुंलिङ्गः, नपुंसकलिङ्गः | पनाय्यते | आक | उणादिः | अकारान्तः |