ओष: प्लोषे नयो नाये ज्यानिर्जीर्णौ भ्रमो भ्रमौ । स्फातिर्वृद्धौ प्रथा ख्यातौ स्पृष्टि: पृक्तौ स्नव: स्रवे ॥ ९ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
---|---|---|---|---|---|---|---|
1 | ओष | ओषः | पुंलिङ्गः | ओषणम् | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
2 | प्लोष | प्लोषः | पुंलिङ्गः | प्लोषणम् | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
3 | नय | नयः | पुंलिङ्गः | नयनम् | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
4 | नाय | नायः | पुंलिङ्गः | घञ् | कृत् | अकारान्तः | |
5 | ज्यानि | ज्यानिः | स्त्रीलिङ्गः | ज्यानम् | नि | कृत् | इकारान्तः |
6 | जीर्ण | जीर्णः | स्त्रीलिङ्गः | जरणम् | क्तिन् | कृत् | अकारान्तः |
7 | भ्रम | भ्रमः | पुंलिङ्गः | भ्रमणम् | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
8 | भ्रमि | भ्रमिः | स्त्रीलिङ्गः | इक् | कृत् | इकारान्तः | |
9 | स्फाति | स्फातिः | स्त्रीलिङ्गः | क्तिन् | कृत् | इकारान्तः | |
10 | वृद्धि | वृद्धिः | स्त्रीलिङ्गः | वर्धनम् | क्तिन् | कृत् | इकारान्तः |
11 | प्रथा | प्रथा | स्त्रीलिङ्गः | प्रथनम् | अङ् | कृत् | आकारान्तः |
12 | ख्याति | ख्यातिः | स्त्रीलिङ्गः | ख्यानम् | क्तिन् | कृत् | इकारान्तः |
13 | स्पृष्टि | स्पृष्टिः | स्त्रीलिङ्गः | स्पर्शनम् | क्तिन् | कृत् | इकारान्तः |
14 | पृक्ति | पृक्तिः | स्त्रीलिङ्गः | पर्चनम् | क्तिन् | कृत् | इकारान्तः |
15 | स्नव | स्नवः | पुंलिङ्गः | स्नवनम् | क्तिन् | कृत् | अकारान्तः |
16 | स्रव | स्रवः | पुंलिङ्गः | अकारान्तः |