प्रेषणं यत्समाहूय तत्र स्यात्प्रतिशासनम् । स संस्तावः क्रतुषु या स्तुतिभूमिर्द्विजन्मनाम् ॥ ३४ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | प्रतिशासन | प्रतिशासनम् | नपुंसकलिङ्गः | ल्युट् | कृत् | अकारान्तः | |
2 | संस्ताव | संस्तावः | पुंलिङ्गः | समेत्यस्तुवन्त्यत्र | घञ् | अकारान्तः |