प्रजनः स्यादुपसर: प्रश्रयप्रणयौ समौ । धीशक्तिर्निष्क्रमोऽस्त्री तु संक्रमो दुर्गसंचरः ॥ २५ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
---|---|---|---|---|---|---|---|
1 | प्रजन | प्रजनः | पुंलिङ्गः | प्रजननम् | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
2 | उपसर | उपसरः | पुंलिङ्गः | उपसरणम् | अप् | कृत् | अकारान्तः |
3 | प्रश्रय | प्रश्रयः | पुंलिङ्गः | प्रश्रयणम् | अच् | कृत् | अकारान्तः |
4 | प्रणय | प्रणयः | पुंलिङ्गः | प्रणयनम् | अच् | कृत् | अकारान्तः |
5 | धीशक्ति | धीशक्तिः | स्त्रीलिङ्गः | धियःशक्तिः | तत्पुरुषः | समासः | इकारान्तः |
6 | निष्क्रम | निष्क्रमः | पुंलिङ्गः, नपुंसकलिङ्गः | निष्क्रमणम् | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
7 | संक्रम | संक्रमः | पुंलिङ्गः | संक्रमणम् | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
8 | दुर्गसञ्चर | दुर्गसञ्चरः | पुंलिङ्गः | दुर्गस्य संचरः | तत्पुरुषः | समासः | अकारान्तः |