अभिहारोऽभिग्रहणं निर्हारोऽभ्यवकर्षणम् । अनुहारोऽनुकारः स्यादर्थस्यापगमे व्ययः ॥ १७ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | अभिहार | अभिहारः | पुंलिङ्गः | अभिहरणम् | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
2 | अभिग्रहण | अभिग्रहणम् | नपुंसकलिङ्गः | ल्युट् | कृत् | अकारान्तः | |
3 | निर्हार | निर्हारः | पुंलिङ्गः | निर्हरणम् | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
4 | अभ्यवकर्षण | अभ्यवकर्षणम् | नपुंसकलिङ्गः | ल्युट् | कृत् | अकारान्तः | |
5 | अनुहार | अनुहारः | पुंलिङ्गः | अनुहरणम् | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
6 | अनुकार | अनुकारः | पुंलिङ्गः | अनुकरणम् | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
7 | व्यय | व्ययः | पुंलिङ्गः | व्ययनम् | घञ् | कृत् | अकारान्तः |