स्यादभ्यागारिकस्तस्मिन्नुपाधिश्च पुमानयम् । वराङ्गरूपोपेतो यः सिंहसंहननो हि सः ॥ १२ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | अभ्यागारिक | अभ्यागारिकः | पुंलिङ्गः | अभ्यागारे नियुक्तः । | ठन् | तद्धितः | अकारान्तः |
2 | उपाधि | उपाधिः | पुंलिङ्गः | आधानमाधिः । | किः | कृत् | इकारान्तः |
3 | सिंहसंहनन | सिंहसंहननः | पुंलिङ्गः | सिंहं श्रेष्ठं संहननमस्य । | बहुव्रीहिः | समासः | अकारान्तः |