पू: स्त्री पुरीनगर्यौ वा पत्तनं पुटभेदनम् । स्थानीयं निगमोऽन्यत्तु यन्मूलनगरात्पुरम् ॥ १ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | पू | पूः | स्त्रीलिङ्गः | पूर्यते । | क्विप् | कृत् | ऊकारान्तः |
2 | पुरी | पुरी | स्त्रीलिङ्गः, नपुंसकलिङ्गः | पुरति । | क | कृत् | ईकारान्तः |
3 | नगरी | नगरी | स्त्रीलिङ्गः, नपुंसकलिङ्गः | नगाः सन्त्यत्र । | र | तद्धितः | ईकारान्तः |
4 | पत्तन | पत्तनम् | नपुंसकलिङ्गः | पतन्ति जना यत्र । | तनन् | उणादिः | अकारान्तः |
5 | पुटभेदन | पुटभेदनम् | नपुंसकलिङ्गः | पुटानि पात्राणि भिद्यन्तेऽत्र । | समासः | अकारान्तः | |
6 | स्थानीय | स्थानीयम् | नपुंसकलिङ्गः | स्थानाय हितम् । | छ | तद्धितः | अकारान्तः |
7 | निगम | निगमः | पुंलिङ्गः | नितरां गच्छन्त्यत्र । | घ | कृत् | अकारान्तः |