आर्यावर्तः पुण्यभूमिर्मध्यं विन्ध्यहिमागयोः । नीवृज्जनपदो देशविषयौ तूपवर्तनम् ॥ ८ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | आर्यावर्त्त | आर्यावर्त्तः | पुंलिङ्गः | आर्या आ समन्ताद् वर्तन्तेऽत्र । | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
2 | पुण्यभूमि | पुण्यभूमिः | पुंलिङ्गः | पुण्यस्य भूमिः । | तत्पुरुषः | समासः | इकारान्तः |
3 | नीवृत् | नीवृत् | स्त्रीलिङ्गः | नियतो वर्तते । | क्विप् | कृत् | तकारान्तः |
4 | जनपद | जनपदः | पुंलिङ्गः | जन पदं वस्तु यत्र । | अकारान्तः | ||
5 | देश | देशः | पुंलिङ्गः | दिशति । | अच् | कृत् | अकारान्तः |
6 | विषय | विषयः | पुंलिङ्गः | विसिनोति । | अच् | कृत् | अकारान्तः |
7 | उपवर्तन | उपवर्तनम् | नपुंसकलिङ्गः | उपवर्तन्तेऽत्र । | युच् | उणादिः | अकारान्तः |