यौतवं द्रुवयं पाय्यमिति मानार्थकं त्रयम् । मानं तुलाङ्गुलिप्रस्थैः गुञ्जाः पञ्चाद्यमाषक: ॥ ८५ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | यौतव | यौतवम् | नपुंसकलिङ्गः | अण् | तद्धितः | अकारान्तः | |
2 | द्रुवय | द्रुवयम् | नपुंसकलिङ्गः | वय | तद्धितः | अकारान्तः | |
3 | पाय्य | पाय्यम् | नपुंसकलिङ्गः | ण्यत् | कृत् | अकारान्तः | |
4 | मानमार्थक | मानमार्थकम् | नपुंसकलिङ्गः | बहुव्रीहिः | समासः | अकारान्तः | |
4 | तुला | तुला | स्त्रीलिङ्गः | आकारान्तः | |||
5 | आद्यमाषकः | आद्यमाषकः | पुंलिङ्गः |