तत्तु शुष्कं करीषोऽस्त्री दुग्धं क्षीरं पयः समम् । पयस्यमाज्यदध्यादि द्रप्सं दधि घनेतरत् ॥ ५१ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | करीष | करीषः | पुंलिङ्गः, नपुंसकलिङ्गः | कीर्यते । | ईषन् | उणादिः | अकारान्तः |
2 | दुग्ध | दुग्धम् | नपुंसकलिङ्गः | दुह्यते स्म । | क्त | कृत् | अकारान्तः |
3 | क्षीर | क्षीरम् | नपुंसकलिङ्गः | क्षयणम् । | अण् | कृत् | अकारान्तः |
4 | पयस् | पयस्म् | नपुंसकलिङ्गः | पीयते । | असुन् | उणादिः | सकारान्तः |
5 | पयस्य | पयस्यम् | नपुंसकलिङ्गः | पयसो विकारः । | यत् | तद्धितः | अकारान्तः |
6 | द्रप्स | द्रप्सम् | नपुंसकलिङ्गः | स | बाहुलकात् | अकारान्तः |