घटः कुटनिपावस्त्री शरावो वर्धमानक: । ऋजीषं पिष्टपचनं कंसोऽस्त्री पानभाजनम् ॥ ३२ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | घट | घटः | पुंलिङ्गः, स्त्रीलिङ्गः | घटति । | अच् | कृत् | अकारान्तः |
2 | कुट | कुटः | पुंलिङ्गः, नपुंसकलिङ्गः | कुटति | क | कृत् | अकारान्तः |
3 | निप | निपः | पुंलिङ्गः, नपुंसकलिङ्गः | नियतं पिबन्त्यनेन । | क | कृत् | अकारान्तः |
4 | शराव | शरावः | पुंलिङ्गः, नपुंसकलिङ्गः | शरणम् । | अण् | कृत् | अकारान्तः |
5 | वर्धमानक | वर्धमानकः | पुंलिङ्गः, नपुंसकलिङ्गः | वर्धते । | शानच् | कृत् | अकारान्तः |
6 | ऋजीष | ऋजीषम् | नपुंसकलिङ्गः | अर्जति । | इषन् | उणादिः | अकारान्तः |
7 | पिष्टपचन | पिष्टपचनम् | नपुंसकलिङ्गः | पिष्टस्य पचनम् ॥ | तत्पुरुषः | समासः | अकारान्तः |
8 | कंस | कंसः | पुंलिङ्गः, नपुंसकलिङ्गः | कम्यते । | स | उणादिः | अकारान्तः |
9 | पानभाजन | पानभाजनम् | नपुंसकलिङ्गः | क्षीरादिपानस्य भाजनम् ॥ | तत्पुरुषः | समासः | अकारान्तः |