त्सरु: खड्गादिमुष्टौ स्यान्मेखला तन्निबन्धनम् । फलकोऽस्त्री फलं चर्म संग्राहो मुष्टिरस्य यः ॥ ९० ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | त्सरु | त्सरुः | पुंलिङ्गः | त्सरति । | उ | उणादिः | उकारान्तः |
2 | मेखला | मेखला | स्त्रीलिङ्गः | मां लक्ष्मीमीखति । | कलच् | बाहुलकात् | आकारान्तः |
3 | फलक | फलकः | पुंलिङ्गः | फलति । | वुन् | उणादिः | अकारान्तः |
4 | फल | फलम् | नपुंसकलिङ्गः | फलति । | अच् | कृत् | अकारान्तः |
5 | चर्मन् | चर्म | नपुंसकलिङ्गः | चर्यते वा । | मनिन् | उणादिः | नकारान्तः |
6 | संग्राह | संग्राहः | पुंलिङ्गः | संगृह्यते । | घञ् | कृत् | अकारान्तः |