यत्सेनयाभिगमनमरौ तदभिषेणनम् । यात्रा व्रज्याभिनिर्याणं प्रस्थानं गमनं गम: ॥ ९५ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | अभिषेणन | अभिषेणनम् | नपुंसकलिङ्गः | ल्युट् | कृत् | अकारान्तः | |
2 | यात्रा | यात्रा | स्त्रीलिङ्गः | यानम् । | त्रन् | उणादिः | आकारान्तः |
3 | व्रज्या | व्रज्या | स्त्रीलिङ्गः | व्रजनम् । | क्यप् | कृत् | आकारान्तः |
4 | अभिनिर्याण | अभिनिर्याणम् | नपुंसकलिङ्गः | अभिनिर्या ॥ | ल्युट् | कृत् | अकारान्तः |
5 | प्रस्थान | प्रस्थानम् | नपुंसकलिङ्गः | प्रस्था ॥ | ल्युट् | कृत् | अकारान्तः |
6 | गमन | गमनम् | नपुंसकलिङ्गः | गमि ॥ | ल्युट् | कृत् | अकारान्तः |
7 | गम | गमः | पुंलिङ्गः | अप् | कृत् | अकारान्तः |