कृतहस्तः सुप्रयोगविशिखः कृतपुङ्खवत् । अपराद्धपृषत्कोऽसौ लक्ष्याद्यश्च्युतसायक: ॥ ६८ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
---|---|---|---|---|---|---|---|
1 | कृतहस्त | कृतहस्तः | पुंलिङ्गः | कृतोऽभ्यस्तो हस्तो यस्य ॥ | बहुव्रीहिः | समासः | अकारान्तः |
2 | सुप्रयोगविशिख | सुप्रयोगविशिखः | पुंलिङ्गः | सुप्रयोगो विशिखोऽस्य ॥ | बहुव्रीहिः | समासः | अकारान्तः |
3 | कृतपुङ्ख | कृतपुङ्खः | पुंलिङ्गः | कृतोऽभ्यस्तः । पुङ्खः पुङ्खयुक्तः शरो येन ॥ | बहुव्रीहिः | समासः | अकारान्तः |
4 | अपराध्दपृषत्क | अपराध्दपृषत्कः | पुंलिङ्गः | अपराद्धः पृषत्को बाणोऽस्य ॥ | बहुव्रीहिः | समासः | अकारान्तः |