प्रक्रिया त्वधिकारः स्याच्चामरं तु प्रकीर्णकम् । नृपासनं तु यद्भद्रासनं सिंहासनं तु तत् ॥ ३१ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | प्रक्रिया | प्रक्रिया | स्त्रीलिङ्गः | प्रकर्षाय करणम् । | श | कृत् | आकारान्तः |
2 | अधिकार | अधिकारः | पुंलिङ्गः | आधिक्यस्य करणम् । | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
3 | चामर | चामरम् | नपुंसकलिङ्गः | चमति, चम्यते, वा । | अण् | तद्धितः | अकारान्तः |
4 | प्रकीर्णक | प्रकीर्णकम् | नपुंसकलिङ्गः | प्रकीर्यते स्म । | क्त | कृत् | अकारान्तः |
5 | नृपासन | नृपासनम् | नपुंसकलिङ्गः | नृपस्यासनम् ॥ | तत्पुरुषः | समासः | अकारान्तः |
6 | भद्रासन | भद्रासनम् | नपुंसकलिङ्गः | भद्रं च तदासनम् ॥ | तत्पुरुषः | समासः | अकारान्तः |
7 | सिंहासन | सिंहासनम् | नपुंसकलिङ्गः | सिंह इव वासनम् | तत्पुरुषः | समासः | अकारान्तः |