वीरपाणं तु तत्पानं वृत्ते भाविनि वा रणे । युद्धमायोधनं जन्यं प्रधनं प्रविदारणम् ॥ १०३ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | वीरपान | वीरपानम् | नपुंसकलिङ्गः | वीराणां पानम् । | तत्पुरुषः | समासः | अकारान्तः |
2 | युद्ध | युद्धम् | नपुंसकलिङ्गः | योधनम् । | क्त | कृत् | अकारान्तः |
3 | आयोधन | आयोधनम् | नपुंसकलिङ्गः | योधनम् । | ल्युट् | कृत् | अकारान्तः |
4 | जन्य | जन्यम् | नपुंसकलिङ्गः | जननम् । | यक् | उणादिः | अकारान्तः |
5 | प्रधन | प्रधनम् | नपुंसकलिङ्गः | प्रधानम् । | क्यु | उणादिः | अकारान्तः |
6 | प्रविदारण | प्रविदारणम् | नपुंसकलिङ्गः | ल्युट् | कृत् | अकारान्तः |