लिखिताक्षरविन्यासे लिपिर्लिबिरुभे स्त्रियौ । स्यात्संदेशहरो दूतो दूत्यं तद्भावकर्मणि ॥ १६ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | लिपि | लिपिः | स्त्रीलिङ्गः | लिप्यते । | इक् | कृत् | इकारान्तः |
2 | लिबि | लिबिः | स्त्रीलिङ्गः | लिप्यते । | इन् | उणादिः | इकारान्तः |
3 | सन्देशहर | सन्देशहरः | पुंलिङ्गः | संदेशं वाचिकं हरति । | अच् | कृत् | अकारान्तः |
4 | दूत | दूतः | पुंलिङ्गः | दवति । | क्त | कृत् | अकारान्तः |
5 | दूत्य | दूत्यम् | नपुंसकलिङ्गः | दूतस्य भावः कर्म वा । | य | तद्धितः | अकारान्तः |