प्राचीनावीतमन्यस्मिन्निवीतं कण्ठलम्बितम् । अङ्गुल्यग्रे तीर्थं दैवं स्वल्पाङ्गुल्योर्मूले कायम् ॥ ५० ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | प्राचीनावीत | प्राचीनावीतम् | नपुंसकलिङ्गः | प्राचीनं प्रदक्षिणम् आवीयते स्म । | क्त | कृत् | अकारान्तः |
2 | निवीत | निवीतम् | नपुंसकलिङ्गः | नि वीयते स्म । | क्त | कृत् | अकारान्तः |
3 | दैव | दैवम् | नपुंसकलिङ्गः | देवानामिदम् । | अण् | तद्धितः | अकारान्तः |
4 | काय | कायम् | नपुंसकलिङ्गः | अण् | तद्धितः | अकारान्तः |