विद्वान्विपश्चिद्दोषज्ञ: सन्सुधी: कोविदो बुधः । धीरो मनीषी ज्ञः प्रज्ञः संख्यावान्पण्डितः कविः ॥ ५ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | विद्वस् | विद्वस् | पुंलिङ्गः | शतृ | कृत् | सकारान्तः | |
2 | विपश्चित् | विपश्चित् | पुंलिङ्गः | प्रकृष्टं निश्चिनोति, चेतति, चिन्तयति, वा । | तकारान्तः | ||
3 | दोषज्ञ | दोषज्ञः | पुंलिङ्गः | दोषं जानाति । | क | कृत् | अकारान्तः |
4 | सत् | सत् | पुंलिङ्गः | शतृ | कृत् | तकारान्तः | |
5 | सुधी | सुधीः | पुंलिङ्गः | सु सुष्ठु ध्यायति । | क्विप् | कृत् | ईकारान्तः |
6 | कोविद | कोविदः | पुंलिङ्गः | कोर्वेदस्य विदः । | तत्पुरुषः | समासः | अकारान्तः |
7 | बुध | बुधः | पुंलिङ्गः | बुध्यते । | क | कृत् | अकारान्तः |
8 | धीर | धीरः | पुंलिङ्गः | धियं राति । | क | कृत् | अकारान्तः |
9 | मनीषिन् | मनीषी | पुंलिङ्गः | मनीषास्यास्ति । | इनि | तद्धितः | नकारान्तः |
10 | ज्ञ | ज्ञः | पुंलिङ्गः | जानाति । | क | कृत् | अकारान्तः |
11 | प्राज्ञ | प्राज्ञः | पुंलिङ्गः | क | कृत् | अकारान्तः | |
11 | संख्यावत् | संख्यावत् | पुंलिङ्गः | संख्या विचारणास्त्यस्य । | मतुप् | तद्धितः | तकारान्तः |
13 | पण्डित | पण्डितः | पुंलिङ्गः | पण्ड्यतेऽनया । | इतच् | तद्धितः | अकारान्तः |
14 | कवि | कविः | पुंलिङ्गः | कवते, कौति, वा । | इ | उणादिः | इकारान्तः |