स्याच्छरीरास्थ्नि कङ्काल: पृष्ठास्थ्नि तु कशेरुका । शिरोस्थनि करोटि: स्त्री पार्श्वास्थनि तु पर्शुका ॥ ६९ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | कङ्काल | कङ्कालः | पुंलिङ्गः | कं कालयति । | अच् | कृत् | अकारान्तः |
2 | कशोरूका | कशोरूका | स्त्रीलिङ्गः | कं वायुं शृणाति । | कन् | तद्धितः | आकारान्तः |
3 | करोटि | करोटिः | स्त्रीलिङ्गः | कं वारं रोटते । | इन् | उणादिः | इकारान्तः |
4 | पर्शुका | पर्शुका | स्त्रीलिङ्गः | स्पृशति, पृश्यते, वा । | शुन् | उणादिः | आकारान्तः |