कानीनः कन्यकाजातः सुतोऽथ सुभगासुतः । सौभागिनेयः स्यात्पारस्त्रैणेयस्तु परस्त्रिया: ॥ २४ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | कानीन | कानीनः | पुंलिङ्गः | कन्याया अपत्यम् । | अण् | तद्धितः | अकारान्तः |
2 | कन्यकाजात | कन्यकाजातः | पुंलिङ्गः | कन्यकया जातः ॥ | तत्पुरुषः | समासः | अकारान्तः |
3 | सुभगासुत | सुभगासुतः | पुंलिङ्गः | सुभगायाः सुतः ॥ | तत्पुरुषः | समासः | अकारान्तः |
4 | सौभागिनेय | सौभागिनेयः | पुंलिङ्गः | सुभगाया अपत्यम् । | ढक् | तद्धितः | अकारान्तः |
5 | पारस्त्रैणेय | पारस्त्रैणेयः | पुंलिङ्गः | परस्त्रिया अपत्यम् । | ढक् | तद्धितः | अकारान्तः |