साक्षराङ्गुलिमुद्रा स्यात्कङ्कणं करभूषणम् । स्त्रीकट्यां मेखला काञ्ची सप्तकी रशना तथा ॥ १०८ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | अङ्गुलिमुद्रा | अङ्गुलिमुद्रा | स्त्रीलिङ्गः | अङ्गुल्या मुदं राति । | क | कृत् | आकारान्तः |
2 | कङ्कण | कङ्कणः | पुंलिङ्गः, नपुंसकलिङ्गः | कं शुभं कणति । | अच् | कृत् | अकारान्तः |
3 | करभूषण | करभूषणम् | नपुंसकलिङ्गः | करं भूषयति । | ल्युट् | कृत् | अकारान्तः |
4 | मेखला | मेखला | स्त्रीलिङ्गः | मखं गतिं लाति । | क | कृत् | आकारान्तः |
5 | काञ्ची | काञ्ची | स्त्रीलिङ्गः | काञ्चते । | इन् | उणादिः | ईकारान्तः |
6 | सप्तकी | सप्तकी | स्त्रीलिङ्गः | सपति । | तन् | बाहुलकात् | ईकारान्तः |
7 | रशना | रशना | स्त्रीलिङ्गः | युच् | उणादिः | आकारान्तः |