प्रैवेयकं कण्ठभूषा लम्बनं स्याल्ललन्तिका । स्वर्णैः प्रालम्बिकाऽथोर:सूत्रिका मौक्तिकैः कृता ॥ १०४ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | ग्रैवेयक | ग्रैवेयकम् | नपुंसकलिङ्गः | ग्रीवायां भवम् । | ढकञ् | तद्धितः | अकारान्तः |
2 | कण्ठभूषा | कण्ठभूषा | स्त्रीलिङ्गः | कण्ठस्य भूषा ॥ | तत्पुरुषः | समासः | आकारान्तः |
3 | लम्बन | लम्बनम् | नपुंसकलिङ्गः | लम्बते । | ल्यु | कृत् | अकारान्तः |
4 | ललन्तिका | ललन्तिका | स्त्रीलिङ्गः | ललन्त्येव । | शतृ | कृत् | आकारान्तः |
5 | प्रालम्बिक | प्रालम्बिकः | स्त्रीलिङ्गः | सैव ललन्तिका सुवर्णैः कृता प्रालम्बते । | ण्वुल् | कृत् | अकारान्तः |
6 | उरःसूत्रिका | उरःसूत्रिका | स्त्रीलिङ्गः | उरसः सूत्रमिव । | तत्पुरुषः | समासः | आकारान्तः |