मण्डनं चाथ मुकुटं किरीटं पुंनपुंसकम् । चूडामणिः शिरोरत्नं तरलो हारमध्यग:॥ १०२ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | मण्डन | मण्डनम् | नपुंसकलिङ्गः | मण्ड्यतेऽनेन । | ल्युट् | कृत् | अकारान्तः |
2 | मुकुट | मुकुटम् | नपुंसकलिङ्गः | मङ्गतेऽनेन वा । | उट् | बाहुलकात् | अकारान्तः |
3 | किरीट | किरीटः | पुंलिङ्गः, नपुंसकलिङ्गः | किरति । | कीटन् | उणादिः | अकारान्तः |
4 | चूडामणि | चूडामणिः | पुंलिङ्गः | चूडाया मणिः । | तत्पुरुषः | समासः | इकारान्तः |
5 | शिरोरत्न | शिरोरत्नम् | नपुंसकलिङ्गः | शिरसो रत्नम् ॥ | तत्पुरुषः | समासः | अकारान्तः |
6 | तरल | तरलः | पुंलिङ्गः | तरं लाति । | क | कृत् | अकारान्तः |