आचार्यानी तु पुंयोगे स्यादर्यी क्षत्रियी तथा । उपाध्यायान्युपाध्यायी पोटा स्त्रीपुंसलक्षणा ॥ १५ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | आचार्यानी | आचार्यानी | स्त्रीलिङ्गः | आचार्यस्य स्त्री । | ङीष् | स्त्रीप्रत्ययः | ईकारान्तः |
2 | अर्यी | अर्यी | स्त्रीलिङ्गः | अर्थस्य स्त्री । | ङीष् | स्त्रीप्रत्ययः | ईकारान्तः |
3 | क्षत्रियी | क्षत्रियी | स्त्रीलिङ्गः | क्षत्त्रियस्य स्त्री ॥ | ङीष् | स्त्रीप्रत्ययः | ईकारान्तः |
4 | उपाध्यायानी | उपाध्यायानी | स्त्रीलिङ्गः | उपाध्यायस्य स्त्री । | ङीष् | स्त्रीप्रत्ययः | ईकारान्तः |
5 | उपाध्यायी | उपाध्यायी | स्त्रीलिङ्गः | उपाध्यायस्य स्त्री । | ङीष् | स्त्रीप्रत्ययः | ईकारान्तः |
6 | पोटा | पोटा | स्त्रीलिङ्गः | पोटयति । | अच् | कृत् | आकारान्तः |