ओतुर्विडालो मार्जारो वृषदंशक आखुभुक् । त्रयो गौधारगौधेरगौधेया गोधिकात्मजे ॥ ६ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | ओतु | ओतुः | पुंलिङ्गः | अवति विष्ठाम्, आखुभ्यो गृहम्, वा । | तुन् | उणादिः | उकारान्तः |
2 | विडाल | विडालः | पुंलिङ्गः | वेडति । | कालन् | उणादिः | अकारान्तः |
3 | मार्जार | मार्जारः | पुंलिङ्गः | मार्ष्टि मुखम् । | आरन् | उणादिः | अकारान्तः |
4 | वृषदंशक | वृषदंशकः | पुंलिङ्गः | वृषान् मूषकान् दशति । | अण् | कृत् | अकारान्तः |
5 | आखुभुज् | आखुभुक् | पुंलिङ्गः | आखून् भुङ्क्ते । | क्विप् | कृत् | जकारान्तः |
6 | गौधेर | गौधेरः | पुंलिङ्गः | गोधाया अपत्यम् । | ढ्रक् | तद्धितः | अकारान्तः |
7 | गौधार | गौधारः | पुंलिङ्गः | गोधाया अपत्यम् । | आरक् | तद्धितः | अकारान्तः |
8 | गौधेय | गौधेयः | पुंलिङ्गः | गोधाया अपत्यम् । | ढक् | तद्धितः | अकारान्तः |