वृन्दभेदाः समैर्वर्गः संघसार्थौ तु जन्तुभिः । सजातीयैः कुलं यूथं तिरश्चां पुंनपुंसकम् ॥ ४१ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | वर्ग | वर्गः | पुंलिङ्गः | वृन्देति । | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
2 | सङ्घ | सङ्घः | पुंलिङ्गः | संहन्यते । | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
3 | सार्थ | सार्थः | पुंलिङ्गः | सरति, स्त्रियते, वा । | थन् | उणादिः | अकारान्तः |
4 | कुल | कुलम् | नपुंसकलिङ्गः | कोलति । | क | कृत् | अकारान्तः |
5 | यूथ | यूथम् | पुंलिङ्गः, नपुंसकलिङ्गः | यौति । | थक् | उणादिः | अकारान्तः |