तित्तिरि: कुक्कुभो लावो जीवंजीवश्चकोरकः । कोयष्टिकष्टिट्टिभको वर्तको वर्तिकादयः ॥ ३५ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | तित्तिरि | तित्तिरिः | पुंलिङ्गः | तित्तिशब्दं’ राति । | कि | बाहुलकात् | इकारान्तः |
2 | कुक्कुभ | कुक्कुभः | पुंलिङ्गः | ‘कुक्’ इति शब्दं कौति । | भक् | बाहुलकात् | अकारान्तः |
3 | लाव | लावः | पुंलिङ्गः | लावयति । | अच् | कृत् | अकारान्तः |
4 | जीवंजीव | जीवंजीवः | पुंलिङ्गः | जीवं जीवयति । | खच् | कृत् | अकारान्तः |
5 | चकोरक | चकोरकः | पुंलिङ्गः | चकति । | ओरन् | उणादिः | अकारान्तः |
6 | कोयष्टिक | कोयष्टिकः | पुंलिङ्गः | कं जलं यष्टिरिवास्य । | बहुव्रीहिः | समासः | अकारान्तः |
7 | टिट्टिभक | टिट्टिभकः | पुंलिङ्गः | ‘टिट्टि’ शब्दं भाषते । | ड | कृत् | अकारान्तः |
8 | वर्तक | वर्तकः | पुंलिङ्गः | वर्तते । | ण्वुल् | कृत् | अकारान्तः |
9 | वर्तिका | वर्तिका | स्त्रीलिङ्गः | वर्तते । | टाप् | स्त्रीप्रत्ययः | आकारान्तः |