कर्चूरको द्राविडकः काल्पको वेधमुख्यकः । ओषध्यो जातिमात्रे स्युरजातौ सर्वमौषधम् ॥ १३५ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | कर्चूरक | कर्चूरकः | पुंलिङ्गः | कर्जति । | ऊर | उणादिः | अकारान्तः |
2 | द्राविडक | द्राविडकः | पुंलिङ्गः | द्रविडे देशे जातः । | अण् | तद्धितः | अकारान्तः |
3 | काल्पक | काल्पकः | पुंलिङ्गः | कल्पे विधौ भवः । | अण् | तद्धितः | अकारान्तः |
4 | वेधमुख्यक | वेधमुख्यकः | पुंलिङ्गः | वेधे मुख्यः। | कन् | तद्धितः | अकारान्तः |
5 | औषध | औषधम् | नपुंसकलिङ्गः | ओषेति । | अण् | तद्धितः | अकारान्तः |