वृष्टिर्वर्षं तद्विघातेऽवग्राहावग्रहौ समौ । धारासम्पात आसार: शीकरोऽम्बुकणाः स्मृताः ॥ ११ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | वृष्टि | वृष्टिः | स्त्रीलिङ्गः | वर्षणम् । | क्तिन् | स्त्रीप्रत्ययः | इकारान्तः |
2 | वर्ष | वर्षम् | नपुंसकलिङ्गः | वर्षणम् । | अच् | कृत् | अकारान्तः |
3 | अवग्राह | अवग्राहः | पुंलिङ्गः | घञ् | कृत् | अकारान्तः | |
4 | अवग्रह | अवग्रहः | पुंलिङ्गः | अप् | कृत् | अकारान्तः | |
5 | धारासम्पात | धारासंपातः | पुंलिङ्गः | धाराणां संपातः सम्भूय पतनम् । | तत्पुरुषः | समासः | अकारान्तः |
6 | आसार | आसारः | पुंलिङ्गः | आसरणम् । | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
7 | शीकर | शीकरः | पुंलिङ्गः | सृता वायुना इतस्ततः प्रेरिता अम्बुकणाः शीकराः । | अरन् | उणादिः | अकारान्तः |