कलङ्काङ्कौ लाञ्छनं च चिह्नं लक्ष्म च लक्षणम् । सुषमा परमा शोभा शोभा कान्तिद्युतिश्छवि: ॥ १७ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | कलङ्क | कलङ्कः | पुंलिङ्गः | कं ब्रह्माणं लङ्कयति हीनतां गमयति, ज्ञापयति, वा । | तत्पुरुषः | समासः | अकारान्तः |
2 | अङ्क | अङ्कः | पुंलिङ्गः | अङ्कयतेऽनेन । | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
3 | लाञ्छन | लाञ्च्छनम् | नपुंसकलिङ्गः | लाञ्छ्यतेऽनेन । | ल्युट् | कृत् | अकारान्तः |
4 | चिह्न | चिह्नम् | नपुंसकलिङ्गः | चाहयति, चह्यतेऽनेन वा । | बाहुलकात् | अकारान्तः | |
5 | लक्ष्मन् | लक्ष्म | नपुंसकलिङ्गः | लक्षयति । | मनिन् | कृत् | नकारान्तः |
6 | लक्षण | लक्षणम् | नपुंसकलिङ्गः | लक्षयति । | न | उणादिः | अकारान्तः |
7 | सुषमा | सुषमा | स्त्रीलिङ्गः | शोभनं समं सर्वमनया । | बहुव्रीहिः | समासः | आकारान्तः |
8 | शोभा | शोभा | स्त्रीलिङ्गः | शोभयति । | अच् | कृत् | आकारान्तः |
10 | कान्ति | कान्तिः | स्त्रीलिङ्गः | काम्यते । | क्तिन् | कृत् | इकारान्तः |
11 | द्युति | द्युतिः | स्त्रीलिङ्गः | द्योततेऽनया । | इन् | उणादिः | इकारान्तः |
12 | छवि | छविः | स्त्रीलिङ्गः | छ्यति । | क्विन् | उणादिः | इकारान्तः |