कुमुदिन्यां नलिन्यां तु बिसिनी पद्मिनीमुखाः । वा पुंसि पद्यं नलिनमरविन्दं महोत्पलम् ॥ ३९ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | कुमुदिनी | कुमुदिनी | स्त्रीलिङ्गः | कुमुदलताया इत्यन्ये । | इनि | तद्धितः | ईकारान्तः |
2 | नलिनी | नलिनी | स्त्रीलिङ्गः | नडा: सन्त्यत्र । | इनि | तद्धितः | ईकारान्तः |
3 | विसिनी | विसिनी | स्त्रीलिङ्गः | विसमस्त्यस्या: । | इनि | ईकारान्तः | |
4 | पद्मिनी | पद्मिनी | स्त्रीलिङ्गः | इनि | ईकारान्तः | ||
5 | पद्म | पद्मम् | पुंलिङ्गः, नपुंसकलिङ्गः | पद्यते । | मन् | उणादिः | अकारान्तः |
6 | नलिन | नलिनम् | नपुंसकलिङ्गः | नलति । | इनन् | उणादिः | अकारान्तः |
7 | अरविन्द | अरविन्दम् | नपुंसकलिङ्गः | अरं शीघ्रं लिप्सां विन्दति । | शः | अकारान्तः | |
8 | महोत्पल | महोत्पलम् | नपुंसकलिङ्गः | महच्च तदुत्पलं च । | कर्मधारय समासः | समासः | अकारान्तः |